Agnipath Scheme- सेना में भर्ती के लिए सरकार द्वारा अग्निपथ योजना बनाई गई| जिससे आर्मी, नेवी और एयरफोर्स में अग्निपथ स्कीम के तहत अग्निवीर की भर्ती का आयोजन किया गया| लेकिन जब से अग्निपथ स्कीम बनी थी. तब से लेकर आज तक पुरे भारत में सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई है| और कई मुद्दों पर इसका विरोध किया जा रहा है | जिसका असर लोकसभा चुनाओ में देखने को मिला| आइये और जाने इसके बारे में |
साल 2022 में सरकार द्वारा सेना में भर्ती करने के लिए अग्निपथ योजना का गठन किया गया | जिसके तहत तीनो सेनाओ में युवाओ की भर्ती की जा सके| इस योजना के तहत सेना में चार साल के लिए युवाओ को भर्ती किया जा रहा है | जिसको लेकर पुरे भारत के युवाओ में नाराजगी प्रकट हुई | और इसका विरोध होने लगा| जिसके कारण पुरे भारत में चर्चा का विषय बनी हुई है | आगे बढ़ने से पहले जानते है क्या अग्निपथ योजना
क्या है ये अग्निपथ योजना स्कीम
अलग-अलग रैंक और प्रतीक चिह्न लगाने वाली इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश में बेरोज़गारी कम करने के साथ ही रक्षा बजट पर वेतन और पेंशन के बोझ को भी घटाना है| हालाँकि, सेना में अहम पदों पर रह चुके कुछ लोगों ने इस योजना पर चिंता जताई है| इस स्कीम के तहत भारतीय तीनो सेना में 17 से 21 साल तक के युवाओ की समय समय पर भर्तिया प्रकाशित की जाएँगी| सरकार के अनुसार, कार्यकाल पूरा होने पर अग्निवीर अनुशासित, डायनामिक, प्रेरित और कुशल कार्यबल के रूप में समाज में लौटेंगे और अपनी पसंद की नौकरी में अपना करियर बनाने के लिए अन्य क्षेत्रों में रोजगार प्राप्त करेंगे। इससे विद्यार्थियो को राजगार में बढ़ावा मिलेगा|
क्यों हो रहा है अग्निपथ स्कीम का विरोध इसके क्या कारण है
जब से अग्निवीर योजना का शुरुआत हुई है| तब से पुरे भारत में इसका विरोध किया जा रह है| जबकि मुख्य विपक्ष दल कांग्रेस का कहना है कि इस तरह भर्तियां होने से सेना की क्षमता और कार्यप्रणाली प्रभावित हो सकती है| इनकी सेवा को चार साल के बाद खत्म कर देना| इसको जबरन रिटायरमेंट माना जा रहा है | केवल 25 प्रतिशत को ही परमानेंट नियुक्ति मिलना रास नहीं आ रहा है| इन्हें पेंशन, ग्रेच्युटी, कैंटीन और रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली सुविधाएं भी नहीं मिलेंगी| इन्हें शहीद होने का दर्जा भी नहीं मिलता| कई बार इस योजना के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन भी हो चुका है|
क्या बंद हो सकती है यह योजना
एनडीए सहयोगी जेडीयू के नेता केसी त्यागी ने यह कह कर सनसनी मचा दी थी कि अग्निपथ योजना को लेकर पुनर्विचार करने की जरूरत है। उन्होंने कहा था कि अग्निवीर योजना को लेकर काफी विरोध हुआ था। चुनाव में भी इसका असर देखने को मिला है। वहीं जब इस बार विपक्ष को ज्यादा सीटें मिलने से और मजबूती मिली है और इस योजना को लेकर हंगामा बढ़ सकता है। भाजपा इसे लेकर पूरी तरह से चौकस है। उम्मीद जताई जा रही है| की सरकार बनने के बाद इस पर कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है।देखते हुए सरकार अग्निवीर योजना में कुछ संशोधन कर सकती है।